नहीं मालूम हाले दिल, नहीं मासूम अब ये दिल
कभी ग़म ये कभी ग़म वो, नहीं महरूम अब ये दिल
सुना था कांच है दिल ये, हमीं ने ही नहीं माना
किसी ने चोट जो मारी, हुआ मरहूम अब ये दिल
नहीं मालूम हाले दिल, नहीं मासूम अब ये दिल
कभी ग़म ये कभी ग़म वो, नहीं महरूम अब ये दिल
सुना था कांच है दिल ये, हमीं ने ही नहीं माना
किसी ने चोट जो मारी, हुआ मरहूम अब ये दिल
Waah waahh 💖
दिल अब मासूम कहाँ रह गया
पत्थर तो नहीं हुआ
पर मोम भी तो नहीं रहा
💖💝