कोई कहता सदा दिल की, कोई कहता ख़ता दिल की
मुहब्बत क्या है मत पूछो, है इक दिलकश अदा दिल की
नहीं है इल्म मुझको हाँ, यही मालूम है इरफ़ान
जिसे हर बेज़ुबाँ समझे, वही सच्ची ज़ुबाँ दिल की

कोई कहता सदा दिल की, कोई कहता ख़ता दिल की
मुहब्बत क्या है मत पूछो, है इक दिलकश अदा दिल की
नहीं है इल्म मुझको हाँ, यही मालूम है इरफ़ान
जिसे हर बेज़ुबाँ समझे, वही सच्ची ज़ुबाँ दिल की
Masha Allah