के माज़ी और मुस्तक़बिल के बीचों बीच रहता हूँ
सभी से दूर टूटे दिल के बीचों बीच रहता हूँ
बता दे ये कोई मुझको कि आख़िर माजरा है क्या
यूँ तन्हा क्यूँ भरी महफ़िल के बीचों बीच रहता हूँ
के माज़ी और मुस्तक़बिल के बीचों बीच रहता हूँ
सभी से दूर टूटे दिल के बीचों बीच रहता हूँ
बता दे ये कोई मुझको कि आख़िर माजरा है क्या
यूँ तन्हा क्यूँ भरी महफ़िल के बीचों बीच रहता हूँ
Jarurat jindgi ki isliye 😂😂😂😜
तन्हाईयों का आलम ना पूछो जनाब
सुबह तुझे याद कर आँखे खुलती है
और तुझे याद कर ही अब मेरी रातें कटती हैं
Raatein to kat jati h
Din bhi gujarta h
Aahista
Aahista
Par tu juda rahta h mujhse
Kabhi baaton me
Kabhi yaadon me
Kabhi hansi me
Kabhi aankhon ki nami me…..
Lajawab
Kya baat