मिली इक अजनबी लड़की, कहूँ के दिलनशीं लड़की
नहीं सानी कोई उसका, ख़ुदाया माह-जबीं लड़की
जिसे पाने में मेरी जां, कभी भी जा भी सकती है
मुझे क्यूँ जान लगती है, वही ज़ोहरा-जबीं लड़की
मिली इक अजनबी लड़की, कहूँ के दिलनशीं लड़की
नहीं सानी कोई उसका, ख़ुदाया माह-जबीं लड़की
जिसे पाने में मेरी जां, कभी भी जा भी सकती है
मुझे क्यूँ जान लगती है, वही ज़ोहरा-जबीं लड़की
👏👏👏👏
Kon hai vo shayar sahab?
😂😂