कहती है तन्हाई अक्सर ये मुझसे के तुम आओ तो बात बने
थक गई निगाहें राह तकते-तकते तुम आओ तो बात बने
तेरी परछाई का नामोनिशां नज़र तक नहीं आता कहीं अब
इंतज़ार में है इंतज़ार जो मिलने तुम आओ तो बात बने
रुख़्सत के वक़्त भले ही अपना सब कुछ वापस ले जाना
पर अलविदा से पहले इक़रार करने तुम आओ तो बात बने
मेरे नसीब में क्या है ये तो मैं नहीं जानता
मगर हबीब मेरे गर नसीब में मेरे तुम आओ तो बात बने
एक अर्से से दिल ये मेरा टूटा हुआ आईना है
गर इस आईने में अक्स देखने तुम आओ तो बात बने
दूरियों ने बहुत कोशिश की हैं हमें दूर-दूर करने की
जो अब दिल से दूरियां मिटाने तुम आओ तो बात बने
ये ज़िंदगी तो ख़ैर यूँही तन्हा गुज़र गई इरफ़ान
गर फ़िरदौस में मेरा साथ देने तुम आओ तो बात बने।
👏👏