………यादें……..
आज फिर पुरानी यादें सामने आई है
दिल कह रहा ये तो बस इक तन्हाई है
वो लम्हा जिसे यूँही भूल आया था
बरसो पहले तू कही छोड़ आया था
यादें लहरों की तरह होती है
कब तक इनसे दूर भागेगा
इक दिन तो वो भी आयेगा
हक़ीक़त से जब रूबरू हो जायेगा
दिल कहता है काश वो दिन वापस आ जाये
मगर यादे समंदर किनारे रेत की मानिंद है
जो वक़्त के दरिया में बस घुलती जा रही है……इरफ़ान