अब्र की आँखों से दर्द टपकने को है
सब्र कर ऐ ज़मीं, बारिश होने को है
अभी प्यास लगना लाज़िम है तुझे
बस थोड़ी देर और, इफ़्तार होने को है
अब्र की आँखों से दर्द टपकने को है
सब्र कर ऐ ज़मीं, बारिश होने को है
अभी प्यास लगना लाज़िम है तुझे
बस थोड़ी देर और, इफ़्तार होने को है