अब्र की आँखों से दर्द टपकने को है
सब्र कर ऐ ज़मीं बारिश होने को है
सुनिए एक ऐसे अलहदा और शाइस्ता शाइर को
जो बड़ी ही मासूमियत से शेर पढ़ते हुए मुस्कुराते है
और दर्द की शिद्दत को सातवे आसमान तक ले जाते है
https://youtu.be/F_fMblP5jo8
अब्र की आँखों से दर्द टपकने को है
सब्र कर ऐ ज़मीं बारिश होने को है
सुनिए एक ऐसे अलहदा और शाइस्ता शाइर को
जो बड़ी ही मासूमियत से शेर पढ़ते हुए मुस्कुराते है
और दर्द की शिद्दत को सातवे आसमान तक ले जाते है
https://youtu.be/F_fMblP5jo8