वो जब डूबने लगते है मदद के लिए हमेशा हमको ही पुकारते है
और अगले ही पल बदले में एक बड़ा सा खंजर पीठ में उतारते है
न जाने कैसा दस्तूर है ये उनका जो अब तक समझ नहीं आया
के वक़्त रहते तो क़द्र करते नहीं और बाद में वक़्त-वक़्त पुकारते है
वो जब डूबने लगते है मदद के लिए हमेशा हमको ही पुकारते है
और अगले ही पल बदले में एक बड़ा सा खंजर पीठ में उतारते है
न जाने कैसा दस्तूर है ये उनका जो अब तक समझ नहीं आया
के वक़्त रहते तो क़द्र करते नहीं और बाद में वक़्त-वक़्त पुकारते है
Gjbbbb👌👌👌
shukriya