सुना है कि हम ही नई सरकार बनाते हैं
चोर को हराके डाकू को जिताते हैं
सत्ता की कुर्सी पांच साल की लीज पर दे देते हैं
हालांकि पहले ही साल अपनी गलती मान लेते हैं
द्रुतगति से सिस्टम को कोसना शुरु कर देते हैं
और अगले चुनाव में फिर किसी मौसेरे को चुन लेते हैं
पब्लिक हैं भई आखिर पूरा लोकतंत्र चलाते हैं
सुना है कि हम ही नई सरकार बनाते हैं…
हमने कई सूरमाओं को धूल चटाई हैं
हमने कई नेताओं को नानी याद दिलाई हैं
मगर अब तक हमारी समझ में ये बात ना आई हैं
के इन नेताओं को चुनाव के वक़्त ही हमारी याद क्यों आई हैं
सुना है कि हम ही नई सरकार बनाते हैं
चोर को हराके डाकू को जिताते हैं
प्रदेश का फ्यूचर पांच साल के अनुबंध पर दे देते हैं
हालांकि पहले ही साल अपनी गलती मान लेते हैं
द्रुतगति से दूसरा विकल्प खोजना शुरु कर देते हैं
और अगले इलेक्शन में फिर किसी मौसेरे को चुन लेते हैं
सुना है कि हम ही नई सरकार बनाते हैं
चोर को हराके डाकू को जिताते हैं।

Politices bhut uljhi hui h isme mind bounce ho jata h😅
Super bouncer