चाँदनी रातों में अक्सर इक मख़मली आवाज़ गूँजती है
हाँ वही दिलकश आवाज़, जो सितारों तक जा पहुँचती है
अपनी अलहदा आवाज़ के ज़रिए, वो जो अल्फ़ाज़ में एहसास भरते हैं
नज़र ना आने वाले ऐसे Hidden Heroes को ही हम आरजे कहते हैं
मुख़्तसर में अक्सर बहुत कुछ कह जाते हैं
ना होके भी ये सारा दिन हमारे साथ होते हैं
वैसे देखा जाएं तो रेडियो जॉकी पब्लिकली नज़र नहीं आते हैं
मगर फिर भी ये रोज़ाना हमारी ज़िंदगी में मिश्री घोल जाते हैं
इनके Good Morning Shows किसी का सारा दिन शानदार बना देते हैं
तो इनके Late Night Shows किसी का टूटा हुआ दिल दोबारा जोड़ देते हैं
खुद को अलग-अलग अंदाज़ में पेश करते हैं
ये ज़िंदगी को ज़ाफ़रानी आवाज़ में पेश करते हैं
सुनकर जिसे हम हम नहीं रहते हैं
साथ इनके इक नदी बनके बहते हैं
पर्दे के पीछे रहने वाले ऐसे नायाब फ़नकारों के लिए, Standing Ovation तो बनता हैं
बेशक दिल जीत लेने वाले ऐसे On AIR क़िरदारों के लिए, Appreciation तो बनता हैं
इन छुपे रुस्तमों को मेरा सलाम, इन छुपे रुस्तमों पर मेरा क़लाम
कभी न कभी तो होगा, इन छुपे रुस्तमों की दुनिया में अपना भी नाम।