बेज़ुबान परिंदों की ज़ुबान समझता हूँ मैं अपने दिल को खुला आसमान समझता हूँ जिस राह पर चलने से कतराते हैं सब मैं उस राह को अपने लिए आसान समझता हूँ
बेज़ुबान परिंदों की ज़ुबान समझता हूँ मैं अपने दिल को खुला आसमान समझता हूँ जिस राह पर चलने से कतराते हैं सब मैं उस राह को अपने लिए आसान समझता हूँ
Nice lines
shukria bro
वाह!
Bahut inayat