अब पूछ ही लिया है तो सुन ये
बहुत प्यार करता हूँ तुमसे मैं
इतना के बता भी नहीं सकता
जज़्बात ये जता भी नहीं सकता
गर महसूस कर पाओ तो करो इसे
बंद आँखों से जी भरके निहारो इसे
ये वो एहसास है जो साँसों में बसता है
ये वो अल्फ़ाज़ है जो आँखों में दिखता है
बस इसे पढ़ने का हुनर आना चाहिए
बाक़ी तो सब दिल के हवाले कर देना चाहिए
अब पूछ ही लिया है तो सुने ये
तुमसे ज्यादा तु्म्हें चाहता हूँ मैं
इतना के सोच भी नहीं सकती तुम
सोचना ये छोड़ भी नहीं सकती तुम
गर मुझ पे यक़ीन है तो यक़ीन करो
आसमान हूँ मैं तुम मेरी ज़मीन बनो
अगली बार मत पूछना के क्यों चाहता हूँ तुम्हें मैं
इस सवाल का जवाब तो खुद पता नहीं है मुझको…