कैसी दिखती हो तुम? देखो कभी मेरी नज़र से
जो देखोगी, तो प्यार हो जाएगा पहली नज़र में
बारिश की बूँदें बताएंगी तुम्हें, क्या है अक्स तुम्हारा
आँखें ये मूंदे दिखाएंगी तुम्हें, बेहद दिलकश नज़ारा
इन आँखों को किसी चश्मे की ज़रूरत नहीं
बिन देखे ही अक्सर ये बहुत कुछ देख लेती हैं
अकेली राहों का पता, पूछो कभी तन्हा सफ़र से
बीते लम्हों का पता, ढूंढो कभी यादों के शहर में
कैसी दिखती हो तुम? देखो कभी मेरी नज़र से
जो देखोगी, तो प्यार हो जाएगा पहली नज़र में
एक शख़्स है जो तुमसे बेपनाह मोहब्बत करता है
बिना निगाहों के भी तुम को अपने अंदर देखता है
इज़हार करने के लिए सही मौका तलाश रहा है
वो जो एक अरसे तक ज़िन्दा एक लाश रहा है
नूरानी रातों का पता, पूछो कभी संदली सहर से
बीती बातों की अदा, ढूंढो कभी साँसों की लहर में
कैसी दिखती हो तुम? देखो कभी मेरी नज़र से
जो देखोगी, तो प्यार हो जाएगा पहली नज़र में…