तेरे तो नाम में ही सुर है
जब भी लेता हूँ, आस-पास कई साज बजने लगते हैं
बेहद दिलकश है तेरी आवाज़, अंदाज़, और एहसास
तेरे बारे में जब लिखता हूँ, शहद से मीठे लगते हैं अल्फ़ाज़
इस बात का ख़ास ख्याल रखता हूँ
के ज़िक्र तेरा तन्हाई में करता हूँ
ताकि पहचान तुम्हारी और एहसास मेरे महफ़ूज़ रह पाएं
तुमने कहा था इक रोज़ मुझसे, के पता ना चले किसी को
बस इसी वादे के चलते मुझे भी अब जाकर ये मालूम हुआ
के कुछ तो है तेरे मेरे दरमियां, एक रूहानी सा राब्ता
जो सुकून देता है मुझे, हर पल हर घड़ी यूं गहरा।
तेरी तो बातों में ही धुन है
जब भी सुनता हूँ, पांव मेरे खुद बखुद थिरकने लगते हैं
तेरी शहनाई पर एहसास मेरे, बाहें खोले यूं नचने लगते हैं
बहुत ख़ास है, ये प्यास, सांस, और एहसास
तेरे बारे में जब सोचता हूँ, हक़ीक़त से ज्यादा अच्छे लगते हैं ख़याल
इस बात का ख़ास ख्याल रखता हूँ
के मोहब्बत तुमसे छुप छुपके करता हूँ
ताकि पहचान तुम्हारी और जज़्बात मेरे महफ़ूज़ रह पाएं
मगर अब और ज्यादा दिनों तक मैं छुपा नहीं पाऊंगा
इतना प्यार करता हूँ तुमसे, के कभी बता नहीं पाऊंगा
अब तो समझ जाओ, पास मेरे आ जाओ
लफ़्ज़ों को पढ़के मेरे, संग मेरे मुस्कुराओ…