है मखमली आवाज़ का जादूगर वो या कहूं के अंदाज़े बयां का कारीगर वो
गुलों की तरह महकता है, वो सावन की तरह बरसता है
या कहूं के दिलों को जीतने वाला बाज़ीगर वो
रातों को ज़िंदा करता है एहसास के पुर्ज़े वो
आंखों से बयां करता है अल्फ़ाज़ के क़तरे वो
ज़ुबां तो जैसे शहद से लिपटा हुआ एक लिबास है
वो एक शख़्स नहीं यकीनन मुकम्मल एहसास है
है मखमली आवाज़ का जादूगर वो
या कहूं के अंदाज़े बयां का कारीगर वो
है आमिर वो, दिलकश आवाज़ का साहिर वो
नूरानी क़ैफ़ियत से करता सबको मुतासिर वो…