एक मैं ही उससे मीलों दूर था कुछ तो नज़रों का कुसूर था कुछ उसका संदली सुरूर था वो थी मेरे पास, हर दफ़ा हर सांस एक मैं ही उससे मीलों दूर था Share this:TwitterFacebookLike this:Like Loading... Related