तश्ना लबों का प्यास की शिद्दत से इंकार कर देना तश्ना लबों का प्यास की शिद्दत से इंकार कर देना मालिक-ए-दो जहां को महबूब है बंदे की यही अदा Share this:TwitterFacebookLike this:Like Loading... Related