बस एक खुशबू… बस एक खुशबू की तलाश में क़दम चलते-चलते इतनी दूर चले आए वरना ज़िंदगी ने तो चंद क़दमों के बाद ही रुकने की ज़िद पकड़ ली थी Share this:TwitterFacebookLike this:Like Loading... Related