“तुमसे ज्यादा तुम्हारे क़रीब हूँ देखो ज़रा” अँधेरे मेरे लेकर मुझको उजाले देती हो सीने के दरमियाँ धड़कन बनके बहती हो। तुमसे ज्यादा तुम्हारे क़रीब हूँ देखो ज़रा और तुम हो के दूरियों के हवाले देती हो।। Share this:TwitterFacebookLike this:Like Loading... Related