“तुम्हारी तस्वीर को टकटकी बाँधे जब भी निहारता हूँ” तुम्हारी तस्वीर को टकटकी बाँधे जब भी निहारता हूँ तुम्हारी आँखों का काजल अपनी आँखों में उतारता हूँ Share this:TwitterFacebookLike this:Like Loading... Related