याद रखना, एक दिन मेरे लिए बहुत तरसोगे तुम
वक़्त रहते क्यों नहीं समझे, खुद से ये कहोगे तुम
यूँही नहीं कह रहा हूँ, लिख लो तुम यह बात मेरी
एकदम से नहीं, यूँ धीरे-धीरे मुझ को खो दोगे तुम
झाड़कर वक़्त की धूल, न पाओगे तुम मुझ को भूल
दबे हैं जो दर्द डायरी में कहीं, कभी तो पढ़ोगे तुम
अभी तो ठुकरा रहो हो, ठुकरा लो कोई बात नहीं
बाद में मुझे ही याद करके, तन्हाई में रोओगे तुम
सताएगी जब बैचैनी तुम्हें, मिलेगा नहीं चैन तुम्हें
रात रातभर जागकर, यूँ इधर-उधर टहलोगे तुम
पहले लहू टकपने लगेगा, फिर दिल धड़कने लगेगा
ज़ख्मों को जब भी, यादों के नश्तर से छुओगे तुम
महसूस करो या न करो, पर इतना ज़रूर जान लो
हरजगह हरघड़ी, फ़क़त मुझ को ही पाओगे तुम।
nice
Very painful😐
Thankia
बेहतरीन।