वक़्त और मोहब्बत
दोनों के दरमियाँ कोई सांठ-गांठ है।
दोनों पास तो हसीं है ज़िंदगी
दोनों दूर तो नहीं है ज़िंदगी।
जाने कहाँ है, इस दिल का वो दिल
जाने कौन हैं, इस दिल की वो मंज़िल।
बिना इस दिल के, भला कौन जी सका है आज तक
यह बात उस आशिक से पूछो, जो जला है रात भर।
ख़ता नज़रों ने की, पर सज़ा दिल को मिली
तस्वीर नज़रों में थी, पर आग दिल में लगी।
खुशी और ग़म
दोनों के दरमियाँ कोई सांठ-गांठ है।
दोनों पास तो सही है ज़िंदगी
दोनों दूर तो नहीं है ज़िंदगी।
जाने कहाँ है, इस दिल का वो साहिल
जाने कौन हैं, इस दिल का वो क़ातिल।।