तेरे-मेरे दरमियान कुछ बातें अनकही रह गयी
आँखों में छुपी वो ख़ामोशी बहुत कुछ कह गयी
बहुत कुछ कहकर भी, कुछ नहीं कहा हमने
जो कुछ कहा हमने, वो सब कहीं था दिल में
जो आवाज़ हमने सुनी, वो आवाज़ हमारे दिल की थी
वो आवाज़ हमारे दिल की, अपनी आँखों से हमने सुनी
एक-दूसरे को चाहकर भी ना भुला पाये हम
एक-दूसरे को चाहकर भी ना बता पाये हम
के एक-दूसरे को कितना चाहते हैं हम
एक-दूजे से कितना झूठ बोलते हैं हम
झूठ भी ऐसा, के जो झट से पकड़ में आ जाये वैसा
प्यार भी ऐसा, के ना किया हो कभी किसी ने जैसा
तेरे-मेरे बीच कुछ अल्फ़ाज़ अनकहे रह गये
आँखों में छुपे वो जज़्बात बहुत कुछ कह गये
जो अल्फ़ाज़ हमने पढ़े, वो अल्फ़ाज़ हमारे दिल के थे
वो अल्फ़ाज़ हमारे दिल के, अपनी आँखों से हमने पढ़े।
RockShayar