नील समंदर कहूँ तुम्हें, या कहूँ मैं नीला आसमां
तेरी आँखें आँखें नहीं, ये तो हैं सितारों का जहां।
तेरी साँसें मेरी साँसों में समाई हैं
तेरी यादें मैंने डायरी में छुपाई हैं।
तेरी आँखें मेरी आँखों का तारा हैं
तेरी बातें मेरे जीने का सहारा हैं।
बहती नदी कहूँ तुम्हें, या कहूँ मैं हवाओं की सदा
तेरी आँखें आँखें नहीं, ये तो हैं वादियों का जहां।
तेरी खुशबू मेरी रूह में समाई है
तेरी आरज़ू मैंने दिल में जगाई है।
तेरी तलब ही मेरी तड़प की असल ख़ुराक है
तेरी कसम ओ सनम, तू जीने की इक आस है।
उड़ता पंछी कहूँ तुम्हें, या कहूँ मैं लहरों की ज़बां
तेरी आँखें आँखें नहीं, ये तो हैं ख़्वाबों का जहां।
तेरी तस्वीर मेरी आँखों में समाई है
तेरी तस्वीर मैंने आँखों से बनाई है।
तेरी आँखें मेरे सुकून का पिटारा हैं
तेरी यादें मेरे जीने का सहारा हैं।
पहली बारिश कहूँ तुम्हें, या कहूँ मैं ज़मीं की दुआ
तेरी आँखें आँखें नहीं, ये तो हैं जादूगरी का जहां।।