परवाह करना छोड़ दिया है
अपने हाल पर उन्हें छोड़ दिया है।
जिस रिश्ते में यकीन न हो
वो रिश्ता हमने तोड़ दिया है।
पथरीली राहों पर चलते-चलते
ज़िंदगी को नया मोड़ दिया है।
वक़्त ने मरहम लगा लगाकर
दिल को फिर से जोड़ दिया है।
नहीं भूले उस हादसे को अब तक
रूह को जिसने निचोड़ दिया है।
नफ़रत के काबिल है वो तो
यक़ीन को जिसने तोड़ दिया है।
मेरे सवालों का जवाब दे ऐ ज़िंदगी
तूने मुझे अधमरा क्यों छोड़ दिया है।।