जब भी मुझे तुम्हारी याद आती है, तब ये याद आता है
के तुम्हें याद करते-करते, ये मन कहीं दूर चला जाता है।
जहाँ से फिर लौटकर आना मुमकिन नहीं होता है
और जिसे भूल जाना इतना आसान नहीं होता है।
आसान होता है तो सिर्फ उन यादों को याद रखना
मुमकिन होता है तो सिर्फ उन यादों को याद करना।
जब भी मुझे तुम्हारी याद आती है, तब ये याद आता है
के तुम्हें याद करते-करते, ये दिल कहीं पर खो जाता है।
जहाँ से फिर खुद को ढूँढ लाना मुमकिन नहीं होता है
और जिसे छोड़कर जाना इतना आसान नहीं होता है।
आसान होता है तो सिर्फ उस दर्द को महसूस करना
मुमकिन होता है तो सिर्फ उस दर्द को महफ़ूज़ रखना।
जब भी मुझे तुम्हारी याद आती है, तब ये याद आता है
के तुम्हें याद करते-करते, ये मन मेरा बंजारा हो जाता है।
जहाँ पे फिर मन पर काबू रखना मुमकिन नहीं होता है
और मन को मना कर देना इतना आसान नहीं होता है।
आसान होता है तो सिर्फ अपने मन की आह सुनना
मुमकिन होता है तो सिर्फ अपने मन की राह चुनना।
जब भी मुझे तुम्हारी याद आती है, तब ये याद आता है
के तुम्हें याद करते-करते, ये मन कहीं दूर चला जाता है।
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