खुली-खुली वो तेरी गीली जुल्फ़ें
झुकी-झुकी वो तेरी नीली पलकें
मीठी-मीठी वो तेरी प्यारी बातें
याद करके जिन्हें गुज़री मेरी रातें
दिल पूछता है बार-बार यही सवाल
के इस बार फिर मुलाक़ात कब होगी
दिल से दिल की सीधी बात कब होगी
इस बार फिर मुलाक़ात कब होगी।
तुझे देखा तो बस देखता ही रह गया
तेरी लहर के संग-संग मैं भी बह गया
क़तरा भी ना बाक़ी मुझमें मैं रह गया
एहसास हुआ के तुमसे इश्क़ हो गया
दिल पूछता है बार-बार यही सवाल
के इस बार फिर मुलाक़ात कब होगी
दिल से दिल की सीधी बात कब होगी
इस बार फिर मुलाक़ात कब होगी।
दिलनशीं वो तेरी शोख़ अदाये
दिलकशीं वो तेरी होश उड़ाये
खुशबू वो तेरी मुझको महकाये
देखना चाहे तुझको मेरी निगाहें
दिल पूछता है बार-बार यही सवाल
के इस बार फिर मुलाक़ात कब होगी
दिल से दिल की सीधी बात कब होगी
इस बार फिर मुलाक़ात कब होगी।
जादूभरी वो तेरी मनपसंद बातें
जादूगरी वो तेरी मुहरबंद यादें
जादू जैसी वो तेरी नज़रबंद आँखें
देखकर जिन्हें जी उठती मेरी साँसें
दिल पूछता है बार-बार यही सवाल
के इस बार फिर मुलाक़ात कब होगी
दिल से दिल की सीधी बात कब होगी
इस बार फिर मुलाक़ात कब होगी।।