वो तो लौटकर फिर एक बार दोबारा वहीँ आना चाहते थे
मगर हम थे के फिर एक बार धोखा नहीं खाना चाहते थे
उसकी हर इक याद को, हमें मिटाने में बहुत वक़्त लगा
बहुत मुश्किल था वो दौर, जब हम नहीं जीना चाहते थे
अँधेरे ने इस क़दर जकड़ लिया था, के गिरफ़्त में पकड़ लिया था
अपने आस-पास ज़रा भी उजाला नहीं देखना चाहते थे
किसी अपने ने जब सपने तोड़े, मुश्किल से जो थे बस थोड़े
अपनी मर्ज़ी से तो हम कोई रिश्ता नहीं तोड़ना चाहते थे
ज़ख्म अपने हम छुपाते गये, खुद मरहम उन पर लगाते गये
अपनी वजह से कभी किसी को तकलीफ़ नहीं देना चाहते थे
मालूम नहीं एक रोज़ क्या हुआ था, मगर कुछ तो हुआ था
बस जो हुआ था उस पर कभी यक़ीन नहीं करना चाहते थे
सब कहते थे अच्छा लिखते हो, तुम बहुत सच्चा लिखते हो
हमने सब लिखा, बस अपनी कहानी नहीं लिखना चाहते थे
उसने तो बहुत कोशिश की, एक अर्से तक ‘इरफ़ान’
मगर हम थे के फिर एक बार दिल अपना नहीं तोड़ना चाहते थे।
#RockShayar
हृदयस्पर्शी सृजन
shukriya