बेशक ये सच है कि तुमसे जुड़ी हर चीज देखता हूँ
मैं सोने से पहले हर रोज़ तुम्हारी तस्वीर देखता हूँ।
ख़्वाब आये तो सिर्फ तुम्हारा आये, वरना ना आये
इसलिये तो तकिये के नीचे रखी तस्वीर देखता हूँ।
ये वक़्त वो वक़्त, पता नहीं कौन ज्यादा सख़्त
हर वक़्त बेवक़्त बस वक़्त की तस्वीर देखता हूँ।
जब भी तेरी याद सताये, रूह मेरी यह फड़फड़ाये
दिल के बंद कमरे में टंगी तुम्हारी तस्वीर देखता हूँ।
नज़रों से क्या छुपा हैं, नज़रों में तो सब छुपा हैं
नज़रों के सफ़र में हमसफ़र तेरी तस्वीर देखता हूँ।
वैसे तो कई तस्वीरें हैं, देखने को इस जहान में
पर ना जाने क्यों मैं तुम्हारी ही तस्वीर देखता हूँ।
जब नींद ना आये इरफ़ान, बेचैनी करने लगे परेशान
तब तसव्वुर की आँखों से तेरी तस्वीर देखता हूँ।।
#RockShayar