अलसुबह सुबह से जब गले मिलता हूँ
फिर पूरा दिन उसकी बाहों में रहता हूँ।
सूरज की किरणों से मिलती हैं ताकत मुझे
अपने हरकिरदार से है सच्ची मोहब्बत मुझे।
तपती हुई दोपहर हरपहर बस यही कहती है
धूप-छाँव तो यूँही ज़िंदगीभर चलती रहती है।
हरशाम शाम मुझे अक्सर यूँ थाम लेती है
खुशियों को हरबार नया एक नाम देती हैं।
ख़याल भी तभी आते हैं, जब रात हो जाती है
ख़्वाब भी तभी आते हैं, जब रात सो जाती है।
रात के आगोश में टिमटिमाते हैं कई सितारें
रात के आगोश में पास बुलाते हैं कई सितारें।
दिन और रात के दरमियाँ पूरी ज़िंदगी गुज़र जाती है
पास जाकर जो देखो कभी, ये बड़ी दूर नज़र आती है।
हरपल का मज़ा लो, यहाँ तुम हरपल खुलकर जियो
हरसुबह चाहत की अदरक वाली चाय बनाकर पियो।।
#राॅकशायर