बारिशों की तरह वो आती है
घटाओं की तरह वो छाती है
फ़िज़ाओं की तरह वो गाती है
दुआओं की तरह वो जाती है
हाँ, मुझको जो आज़माती है
पता नहीं वो कौन है, पता नहीं वो कौन है।
मुस्कान में एक ताज़गी है
चेहरे पर उसके सादगी है
मरहबा ये तो दीवानगी है
जो देखे वो कहे आफ़रीं है
इस रूह की जो जानशीं है
पता नहीं वो कौन है, पता नहीं वो कौन है।
मैंने हरदम जिसे सोचा
अपने अंदर जिसे पाया
मैंने हरपल जिसे चाहा
जिगर में जिसे बिठाया
वो जो है मुझमें नुमायाँ
पता नहीं वो कौन है, पता नहीं वो कौन है।
बला की जो ख़ूबसूरत है
मासूमियत की मूरत है
जैसी वो उसकी सूरत है
वैसी ही उसकी सीरत है
इस दिल की जो हसरत है
पता नहीं वो कौन है, पता नहीं वो कौन है।।
© RockShayar