तुझ को भुलाने की, हर नाकाम कोशिश कर चुका हूँ
और हर उस कोशिश को, नाकाम भी मैं ही बनाता हूँ।
बहुत दिनों से मैंने, अपने अंदर एक समंदर छुपा रखा है
दिल के किसी कोने में, तेरी यादों का बवंडर दबा रखा है।
तुम से मुलाक़ात के वक़्त, बस यही ध्यान रखता हूँ मैं
कि तुम्हारे भीतर जो तुम हो, उससे मुलाक़ात हो जाए।
कई बार इस बारे में सोचा है मैंने, कि तुम से ना मिलू
लेकिन हरबार यही लगता है, के आख़िर क्यों ना मिलू।
याद है पिछली दफा, जब तुम मुझ से मिलने आई थी
कई दिनों तक ये ज़िन्दगी, मुसलसल मुस्कुराई थी।
तेरे जाने के बाद, जीना बहुत मुश्किल होता है
तुझे याद कर करके, ये दिल महीनो तक रोता है।
सोच रहा हूँ इस बार तुम्हे, अपनी आँखों में क़ैद कर लू
भूलने से पहले इकदफा तुम्हे अच्छी तरह याद कर लू।
सफ़र में यूँही चलते-चलते, आखिरकार हम मिल ही गए
एक लम्हे के लिए ही सही, आखिरकार हम मिल ही गए।।