आपके मुँह से अपनी तारीफ़ सुनकर बहुत अच्छा लगा है पापाबाद मुद्दत के अपने ज़िन्दा होने का एहसास फिर जगा है पापा
बरसों पहले जो एहसास लिखा था, आपने मेरी पैदाइश के वक़्त
वो डायरी वो एहसास मैंने आज तक संभाल कर रखा है पापा
कोशिश पर कोशिश, यूँ करते करते गिरते पड़ते उठते संभलते
जैसा भी बन पाऊं यहाँ मैं जो भी कर पाऊं वह थोड़ा है पापा
आप सोचते हो मैं नादान हूँ, गलतियां बहुत ज्यादा करता हूँ
मगर अपनी उन्हीं गलतियों से मैंने बहुत कुछ सीखा है पापा
एक दूसरे के शिकवे सुने, फिर आपस में बैठकर उन्हें दूर करे
बिखरे परिवार को जोड़ने का बस यही एक तरीका है पापा
मुझसे मिलने आए, मेरी डायरी पढ़ी, और कहा बहुत अच्छे
कैसे लिखू आपके आने से मेरा कितना हौसला बढ़ा है पापा
अपने पापा की नकल करना, उनके नक्शेकदम पर यूँ चलना
एक बच्चे को जितना लगता है उतना ही अच्छा लगा है पापा।