जाएंगे जब इस दुनिया से तब लोग हमें याद करेंगे
देकर वो मिट्टी क़ब्र पर हाँ शेर कुछ इरशाद करेंगे
पूरा होगा बेशक होगा, जब कभी इन्तक़ाम हमारा
दिल के इस वीरान घर को तभी हम आबाद करेंगे
वतनपरस्ती पर यहीं कहूंगा, ऐ मेरे वतन के लोगों
वतन को हम अपने सब मिलकर दिलशाद करेंगे
न गिड़गिड़ाएंगे, न हाथ फैलाएंगे किसी के आगे
फ़क़त अल्लाह की बारगाह में ही फरियाद करेंगे
आज़ादी हक़ है जब तो, हमको भी मिलकर रहेगी
दर्द की इन बेड़ियों से रूह को अब आज़ाद करेंगे
बहाएंगे दरिया जुनून का, निभाएंगे रिश्ता ख़ून का
अपने अंदर की बुराई को, इस क़दर बर्बाद करेंगे
याद रखना यह बात, दिल में अपने ऐ दुनियावालों
एक दिन हम फिर से, खुद में खुद को ईजाद करेंगे
@RockShayar