तुम्हारे सवालों के जवाब दूंगा किसी दिन
अपने दिल की किताब लिखूंगा किसी दिन
खुद से इतना दूर हूँ, या के खुद मज़बूर हूँ
खुद को भूलकर खुद को सोचूंगा किसी दिन
दबी हुई है बात जो, दिल के किसी कोने में
दिल किया तो दिल की बात कहूंगा किसी दिन
ठहरते क्यों नहीं हो, हमेशा ही भागते रहते हो
वक़्त मिला तो वक़्त से यह पूछूंगा किसी दिन
अपनो ने जब ठुकराया, मन में तभी ये ख़याल आया
अपना हर एक सपना पूरा करूंगा किसी दिन
एहसास के इन पन्नों पर, रूह ने लिखी है जो
ज़िन्दगी की वो ज़िन्दा ग़ज़ल पढ़ूंगा किसी दिन
छोड़ आया जिसे, एक अर्से पहले कहीं इरफ़ान
इरादा तो है ! अपने उस घर लौटूंगा किसी दिन ।
@RockShayar