जलजलों के डर से घर बनाना छोड़ दिया
दर्द से इतना टूटे के मुस्कुराना छोड़ दिया
ज़िन्दगी ने जब से खेली है बाजी जान की
ज़िन्दगी से तब से शर्त लगाना छोड़ दिया
वादों की दुनिया के तजुर्बे जब देखे हमने
वादा करके फिर वादा निभाना छोड़ दिया
दिल के इशारों पर नाचते रहे यूँही सदा हम
दिल ने जब कहा तो दिल लगाना छोड़ दिया
तरसते रहे यूं तो प्यार के लिए ताउम्र यहां
प्यार ना मिला तो प्यार जताना छोड़ दिया
खिलखिलाते भी थे, कभी मुस्कुराते भी थे
जमाने हो चले हमने वो जमाना छोड़ दिया
एक नादानी की सज़ा बहुत ही शदीद मिली
खुद से यूं रूठे के खुद से नज़र मिलाना छोड़ दिया।
@RockShayar