चुभती तो है मगर अच्छी लगती हैं
मुझको बातें तुम्हारी सच्ची लगती हैं
दर्द की बरसती हुई बारिश में अक्सर
घर जाने की राहें सब कच्ची लगती हैं
ज़िन्दगी जब खुश होती है कभी तो
मासूम जैसे कोई बच्ची लगती है
तुम साथ हो फिर भी ना जाने क्यों
दिल को ये तन्हाई अच्छी लगती है।