क्या तुम्हें मैं याद हूँ अब भी
क्या तुम अब भी मेरा ब्लॉग पढ़ती हो ।
कहाँ रहती हो आजकल
किस शहर में
ना मेरे पास तुम्हारा पता है
ना कोई कॉन्टेक्ट नंबर
वो तो अच्छा हुआ कि
थोड़ा बहुत लिखना आ गया
वरना खुद को कैसे तसल्ली देता ।
जब भी तुम्हारी याद आती है
लिख बैठ जाता हूँ फौरन
आख़िर तुमने ही तो कहा था
अपने दिल की बातें
लिख दिया करो जनाब
मैं पढ़ा लिया करूंगी
जहाँ भी रहूंगी ।
एक अर्सा बीत गया है
ना मैं बदला हूँ
ना मेरी गुज़ारिश
आज भी हम दोनों वैसे के वैसे ही हैं
इसीलिए बस यहीं कहना चाहता हूँ
कि
क्या तुम्हें मैं याद हूँ अब भी
क्या तुम अब भी मेरी नज़्में पढ़ती हो ।।
RockShayar