हर बार ज़िन्दगी
दोराहे पर लाकर खड़ा कर देती है
दोनों रस्ते साफ सरल सीधे लगते हैं
मालूम करना बड़ा ही मुश्किल लगता है
कि कौनसा रस्ता सही है, और कौनसा नहीं है ।
एक बड़ा ही आसान और आरामदायक है
दूसरा सख़्त मुश्किल, मगर खुद नायक है
दिल और दिमाग के बीच में
महीनों तक
कई कई बार जंग छिड़ती है
कभी कोई जीतता है
कभी कोई
मगर हार तो उन सपनों की होती हैं
जो ज़िन्दगी भर
इन दोराहो के दरमियान
मुसाफ़िर की तरह भटकते रहते हैं
अपना पता पूछते रहते हैं ।।