आबादी जब भी बढ़ी, पेड़ों की तादाद घटी
कुदरत की तबाही में, इंसां की इम्दाद बढ़ी
ख़्वाहिशें हद से ज्यादा, फ़रमाइशें रब से ज्यादा
दीन दुनिया भूलकर, आज़माइशें सब से ज्यादा
तरक्की जब भी बढ़ी, ज़मीं की तादाद घटी
कुदरत की तबाही में, इंसां की इम्दाद बढ़ी ।।
#RockShayar
इम्दाद – मदद, योगदान