मन को मत टोको, मन को मत रोको
मन तो है आवारा, मन को मत रोको
है ये बेहद अनमोल, बोले सच्चे बोल
तन के बाज़ार में, मन को मत झोंको
चुपचाप रहता है, सब कुछ सहता है
रंज की कढ़ाई में, मन को मत छोंको
दिलो दिमाग की, साझा उपज है ये ग़म
ग़मों की दलील को, मन पे मत ठोको
सिकंदर भी है यही, कलंदर भी है यही
मन तो है ये बंजारा, मन को मत रोको ।।
#RockShayar ‘Irfan’