उम्मीदों के आशियां, यूँही मिटते नही
हौसलो के पर वो, कभी जो थमते नही
आसां नही, खुद को महफूज़ रख पाना
ख़्वाबों के मकां, हर रोज यूँ बनते नही
उम्मीदों के आशियां, यूँही मिटते नही
हौसलो के पर वो, कभी जो थमते नही
आसां नही, खुद को महफूज़ रख पाना
ख़्वाबों के मकां, हर रोज यूँ बनते नही