Today I am very happy.
I have donated blood for the first time.
It’s a beautiful feeling to save a life.
I wrote a poem to express my feelings……
लहू के चंद कतरे देकर
आज मैंने, ये जाना है
इंसानियत से बढ़कर कुछ नहीं
आज मैंने, ये माना है
बह जाता है अक्सर जो
झगड़े फसाद में हर रोज
बचा सके गर ज़िन्दगी वो
इससे बेहतर और क्यां है
ख़ुदग़र्ज़ियों में जीते जीते
ख़ामोशियों को पीते पीते
खूं की वो उम्दा अहमियत
रूह की वो ज़िंदा कैफ़ियत
रिश्तों से बड़ी है इंसानियत
आज मैंने, ये जाना है
© RockShayar